Sahi ya galat | Moral Education
सही या गलत मन की एक सकारात्मक स्थिति है अच्छाई. यह व्यक्ति के अनुसार बदलते चले जाती है। चोर जब चोरी करने में कामयाब होता है तो उसे लगता है कि उसने बेहतर काम किया और वह दिनभर खुश रहता है, एक ठग सीधे-साधे लोगों को फंसा और लूटकर बेहद खुश होता है। हत्यारा जब किसी की हत्या करता है तो उसके चेहरे में दुख की एक शिक़न तक नहीं आती इसके बजाय उसके चेहरे में शैतानी हंसी डेरे जमाये होती है। इसी तरह एक राजा युद्ध में हज़ारों लाखों को मौत के घाट उतारकर, दूसरे राजा को हरा उसके राज्य को हड़प कर खुश होता है। वहीं दूसरी ओर जब कोई भला इंसान किसी की मदद कर देता है तो उसे वह दिन खुशी भरा लगता है। जब वह अपने किसी के लिये उपहार लेता है तो ह्रदय में शांति अनुभव करता है। यहाँ तक कि किसी बच्चे को बाँटी गयी छोटी सी चॉकलेट भी हृदय में प्रभाव डालती है। ऊपर दोनों तरह के कार्य हैं जो सुख का कारण बनते हैं, स्वार्थी मनुष्यों का स्वभाव होता है कि वे केवल अपने में ही सीमित रह जाते हैं और जीवन भर उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो पाती। ना तो उनके धन का कोई हिस्सा किसी और के काम आता है और ना ही उनका समय किसी और के लिए निकल प